NEET V/s jEE : दोनों में से किसको चुनें?

difference between JEE and NEET.

जब बच्चे छोटे होते हैं और कोई उनसे सवाल पूछे कि बड़े होकर क्या बनोगे? तो उनके सबसे कॉमन दो जवाब होते हैं, डॉक्टर या इंजीनियर। लेकिन बड़े होते होते, सभी में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन होती है कि डॉक्टर बने या इंजीनियर। बच्चे ही नहीं अभिवावकों के मन में भी यही सवाल होते हैं कि डॉक्टर बनने की पढ़ाई करवाएं या इंजीनियर बनने की। आइये हम आपको इस दुविधा से निकलने में मदद करते हैं। 

10वीं क्लास के बाद बच्चों के मन में ये सवाल सबसे कॉमन होते हैं कि NEET या JEE में से किसकी तैयारी करें? JEE और NEET में से कौन सा सही रहेगा? NEET आसान है या JEE? ज्यादा ऑपर्च्युनिटीज किसमे हैं? इन सभी सवालों का  सबसे सही जवाब यही होता है कि आपका इंटरेस्ट किसमे है। लेकिन ज्यादातर बच्चे इस उम्र तक इंटरेस्ट को लेकर भी अवेयर नहीं होते। ऐसे में सही जानकारी और दोनों ही एग्जाम के बीच का अंतर ही सही फैसला लेने में मदद कर सकता है।

वैसे तो ये कहना कि कौनसा एग्जाम सही है! ये एग्जाम और इसकी तैयारी करने वाले, दोनों के साथ ही नाइंसाफी है। क्योंकि हर फील्ड का अपना एक महत्व होता है। लेकिन सबसे जरूरी है आपका इंटरेस्ट किस में है? अगर आपको बायोलॉजी में इंटरेस्ट है और आपकी मेमोरी अच्छी है तो आप NEET की तैयारी कर सकते हैं। वहीं अगर आपको फिजिक्स और मैथ्स में इंटरेस्ट है और आपको टेक्नोलॉजी से रिलेटिड मशीनों के मैकेनिज्म को समझना अच्छा लगता है तो आप JEE की तैयारी कर इंजीनियर बन सकते हैं।

अगर आप NEET की तैयारी कर डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको 11th में PCB यानी Physics, Chemistry, Biology सलेक्ट करने होंगे वहीं अगर आप JEE की तैयारी करना चाहते हैं तो PCM(Physics, Chemistry & Maths) सेलेक्ट करने होंगे। 

Table for understand the difference between JEE Main and NEET.

देशभर में मेडिकल कॉलेजेस में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए NTA(The National Testing Agency)

एक एंट्रेंस एग्जाम, NEET यानी The National Eligibility and Entrance Test) करवाती है। जिसको पास कर आप मेडिकल कालेज में एडमिशन लेकर MBBS, BDS या अन्य कोर्सेज की पढ़ाई कर सकते हैं।

NEET पेन पेपर टेस्ट(Offline) है जोकि साल में एक बार ही आयोजित करवाया जाता है। NEET के लिए आपका 12th में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी व अन्य सब्जेक्ट से पास होना जरूरी है। NEET क्लियर कर आप AIIMS या JIPMR व अन्य सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं।

बता दें कि साल 2012 से पहले CBSE द्वारा AIPMT(All India Pre-medical Test) आयोजित करवाया जाता था। 

NTA के द्वारा ही JEE(The Joint Entrance Exam) आयोजित कराया जाता है। JEE कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट(Online) है। देशभर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग व आर्किटेक्चर कॉलेज व संस्थानों में एडमिशन के लिए NTA द्वारा इसे साल में 2 बार आयोजित कराया जाता है। JEE के लिए आपका 12th में फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स से पास होना जरूरी है। JEE के दो पार्ट हैं, JEE Main व JEE Advanced.

Table for understand the difference between JEE Main and JEE Advanced.

JEE Main : देश के सरकारी व निजी संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए NTA साल में दो बार JEE main आयोजित करवाती है। JEE Main क्लियर कर आप 331 NITs, 23 IITs व अन्य सरकारी व निजी संस्थानों में एडमिशन ले सकते हैं। इसे JEE का पहला राउंड भी बोला जाता है। JEE Main को आप मैक्सिम लगातार तीन साल तक दे सकते हैं। 

JEE Advanced : Indian Institute of Technologies(IITs) द्वारा IITs, IISTs, IIITs व GFTIs में एडमिशन के लिए JEE advanced आयोजित कराया जाता है। इस साल इसे IIT मद्रास द्वारा आयोजित कराया जा रहा है। JEE Advance देने के लिए आपका JEE Main क्लियर होना जरूरी है। ये भी main की तरह ऑनलाइन होता है, लेकिन इसे साल में सिर्फ एक बार ही आयोजित कराया जाता है।

JEE की तैयारी करने के लिए आपका 11th और 12th क्लास में फिजिक्स केमिस्ट्री के साथ मैथ्स का होना जरूरी है। वहीं NEET के लिए आपका 11th और 12th क्लास में फिजिक्स केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी का होना जरूरी है। JEE में आपसे टेक्निकल आस्पेक्ट्स पर ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं, जबकि NEET में मेडिकल साइंस से सम्बंधित पहलुओं पर ज्यादा फोकस किया जाता है।

दोनों ही टेस्ट में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा है, लेकिन फिर भी JEE को ज्यादा हार्ड माना जाता है। क्योंकि JEE में क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी की ज्यादा जरूरत होती है। जबकि NEET में आपकी मेमोरी और टॉपिक्स पर पकड़ को टेस्ट किया जाता है। 

कॉम्पटीशन की तुलना की जाए तो, NEET, JEE Advanced की तुलना में आसान है लेकिन JEE main से मुश्किल है। लेकिन फिर भी वो किसी भी बच्चे के इंटरेस्ट पर ज्यादा डिपेंड करता है। अगर किसी के लिए मैथ्स मुश्किल है और बायोलॉजी में ज्यादा इंटरेस्ट है तो उसके लिए JEE main या Advanced दोनों ही मुश्किल साबित होंगे। ऐसे में NEET या JEE चुनने से पहले अपने इंटरेस्ट और टॉपिक्स को लेकर समझ को जरूर प्रीफेरेंस दें।

कॉम्पटीशन के बाद बात आती है कि JEE और NEET में से किसमें ज्यादा सीट्स हैं और कितनी बार एग्जाम दिया जा सकता है? NEET में बैठने वाले बच्चों की संख्या JEE से बहुत ज्यादा है और संस्थान भी JEE की तुलना में कम है। ऐसे में NEET ज्यादा हार्ड है। NEET में सीटों की संख्या JEE की तुलना में ज्यादा है। देश में MBBS और BDS की सीटों की संख्या IITs ,NITs और GFTIs की तुलना में ज्यादा है। MCC(Medical Council of India) द्वारा जारी की गई All India Quota Seat matrix 2024 में देशभर में MBBS और BDS की इस साल तकरीबन 1,08,990 सीट एलोकेट की हैं। वहीं AIIMS और JIPMER में 2196 सीट हैं। 

JoSAA(Joint Seat Allocation Authority 2024 द्वारा जारी की गई सीट मैट्रिक्स में देशभर में 59,937 सीट एलोकेट की हैं। JoSAA Matrix 2024 के अनुसार IITs में 17,760, NITs में 24,229, III-TS में 8,546 व GFTIs में 9,402 सीट एलोकेट की गई हैं। NEET में सीटों की संख्या JEE की तुलना में कही ज्यादा है, लेकिन दूसरी तरफ NEET में कैंडिडेट्स की संख्या JEE के मुकाबले ज्यादा है।

NEET की परीक्षा साल में एक बार होती है वहीं JEE साल में दो स्टेज में आयोजित होता है। ऐसे में सवाल आता है कि क्या परीक्षा में बैठने को लेकर भी लिमिट्स हैं? जी हां, आप JEE Main को लगातार 3 बार ही दे सकते हैं और JEE Advanced को लगातार 2 बार दे सकते हैं। NEET को लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है। आप किसी भी उम्र में और कितनी ही बार NEET की परीक्षा में बैठ सकते हैं। 

NEET और JEE दोनों ही अच्छे कैरियर ऑप्शन हैं। लेकिन आपको कौन से टेस्ट की तैयारी करनी है ये आपके इंटरेस्ट पर डिपेंड है। आपको दोनों ही टेस्ट की  तैयारी के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। अगर आप मेडिकल फील्ड में अपना कैरियर बनाने चाहते हैं और आपकी मैमोरी अच्छी है तो NEET की तैयारी कर सकते हैं। वहीं अगर आपका टेक्नोलॉजी और मैकेनिज्म को लेकर इंटरेस्ट है तो आप JEE पास कर IIT में एडमिशन ले सकते हैं, जहां आप दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ बड़े पदों पर काम कर सकते हैं।

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