यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(UGC) हायर एजुकेशन के लिए एक नया नियम बनाने जा रही है। जिसके अनुसार अब स्टूडेंट्स अपनी डिग्री को अपनी सुविधा के अनुसार तय समय से कम या ज्यादा समय मे पूरा कर सकते हैं। यह फैसला सभी स्टूडेंट्स को राहत देने वाला है क्योंकि इससे उन्हें समय की बचत हो सकती है और अपने हिसाब से वे अपनी डिर्गी को पूरा कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UGC के अध्यक्ष प्रो. जगदीश कुमार ने बताया कि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट जल्द ही ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स को उनके डिग्री प्रोग्राम की मानव अवधि यानी स्टैंडर्ड ड्यूरेशन(जोकि 3 या 4 साल है) की बजाय अपनी स्टडी पीरियड को कम या बढ़ा सकते हैं। दरअसल यूजीसी ने इस हफ्ते एक मीटिंग में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट के लिए त्वरित डिग्री प्रोग्राम(ADP) और एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम(EDP) के प्रस्ताव के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर को मंजूरी दी है। ड्राफ्ट मानदंड अब स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया के लिए पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा।
ADP व EDP, दो नए ऑप्शन पेश किए गए हैं।
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यूजीसी अध्यक्ष ने कहा,” छात्र अपने सीखने की अक्षमताओं के आधार पर अपनी अध्ययन अवधि को छोटा गया बढ़ाने के लिए इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं, ADP छात्रों को प्रति सेमस्टर अतरिक्त क्रेडिट अर्जित करके कम समय में तीन साल या चार साल की डिग्री पूरी करने की अनुमति देता है, जबकि EDP प्रति सेमेस्टर कम क्रडिट के साथ विस्तारित समयरेखा को सक्षम बनाता है.”
ADP के लिए 10 फीसदी एडमिशन हो सकेंगे।
ड्राफ्ट SOP(Standard Operation Procedure) के अनुसार, संस्थान ADP के लिए अप्रूव्ड एडमिशन का 10 फीसदी प्रतिशत तक निर्धारित कर सकते हैं। हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट EDP और ADP के तहत पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में प्राप्त आवेदनों की जांच करने और उसके अनुसार छात्रों का चयन करने के लिए एक कमेटी का गठन कर सकते हैं। ADP में जो स्टूडेंट्स अपनी डिग्री जल्दी पूरा करना चाहते हैं वे हर सेमेस्टर में ज्यादा क्रेडिट ले सकते हैं और इस तरह कम समय में अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं।
पहले या दूसरे सेमेस्टर में ऑप्शन चुनना होगा।
ADP में स्टूडेंट्स स्टैंडर्ड ड्यूरेशन के लिए निर्धारित समान सिलेबस मैटेरियल और कुल क्रेडिट का पालन करेंगे। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा,” केवल प्रोग्राम की अवधि में बदलाव होगा, छात्रों के पास पहले सेमेस्टर या दूसरे सेमेस्टर के अंत में ADP चुनने का विकल्प होगा। उसके बाद नहीं। ADP चुनने वाले छात्र दूसरे या तीसरे सेमेस्टर से शुरू होने वाले प्रति सेमेस्टर में अतिरिक्त क्रेडिट ले सकेंगे, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे ADP कब चुनते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि अगर छात्र पहले सेमेस्टर के बाद ADP में शामिल होते हैं तो वे दूसरे सेमेस्टर से अतिरिक्त क्रेडिट हासिल करना शुरू कर देंगे। इसी तरह यदि वे दूसरे सेमेस्टर से ऐसा करते हैं तो उन्हें तीसरे सेमेस्टर से क्रेडिट मिलना शुरू होगा।
What Is ADP and EDP?
ADP यानी Accelerated Degree Program, में स्टूडेंट्स किसी भी स्टडी प्रोग्राम को स्टैंडर्ड ड्यूरेशन से कम समय में पूरा कर सकता है। ADP में स्टूडेंट्स को हर सेमेस्टर में ज्यादा क्रेडिट लेना का ऑप्शन मिलता है। जबकि EDP में स्टूडेंट्स को प्रोग्राम में ज्यादा से ज्यादा दो सेमेस्टर तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए स्टूडेंट्स को कम क्रेडिट हासिल करना होगा। हालांकि यह यूजीसी द्वारा गठित कमेटी तय करेगी कि EDP में एक सेमेस्टर में छात्र को कम से कम कितने क्रेडिट अर्जित करने चाहिए।