कहानी सिद्धार्थ और रोहित की, जिन्होंने मणिपुर की हिंसा के दौर में डॉक्टर बनकर लिखी नई इबारत।

भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक, मणिपुर की राजनीतिक हालात किसी से छुपी नहीं है। वहां आये दिन दंगे हो रहे हैं और जीवन अस्त व्यस्त है। लेकिन शिक्षा, दूर दराज के जंगलों, पहाड़ों और कस्बों में भी उम्मीद की किरण बन कर अनिश्चितता से भरे अंधेरों में उजाला कर देती है। आज की कहानी है PCP के स्टूडेंट्स सिद्धार्थ राजकुमार और रोहित सिंह की, जिन्होंने मणिपुर से सीकर आकर NEET UG 2024 में मणिपुर राज्य में टॉप कर साबित किया है कि मुश्किल हालात में भी कैसे शिक्षा समाज के भविष्य को सुरक्षित रख सकती है। चलिए जानते हैं आज के आर्टिकल में कैसे सिद्धार्थ और रोहित ने PCP में आकर अपनी सफलता की इबारत लिखी।

PCP की Toppers Tales की इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं शिक्षा नगरी सीकर से करीब 2500 किलोमीटर दूर के एक स्टूडेंट सिद्धार्थ राजकुमार की, जिसने मणिपुर में स्टेट टॉप कर पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। Prince Eduhub की डिजिटल टीम ने सिद्धार्थ और रोहित से PCP में उनके एक्सपीरियंस के बारे में बात की। जिसके आधार पर हम इस आर्टिकल में बात करने जा रहे हैं।

बच्चों को महफूज जगह भेजना चाहते थे।

इंटरव्यू में सिद्धार्थ और रोहित के पेरेंट्स ने भी PCP के बारे में काफी चीजे शेयर की। सिद्धार्थ के पेरेंट्स वेटनरी सर्जन हैं, उन्होंने बताया कि मणिपुर में हालात नाजुक हैं, ऐसे में हमें सबसे बड़ा डर अपने बच्चों की सुरक्षा का था। इसलिए हमने सिद्धार्थ को PCP सीकर भेजना का फैसला लिया। क्योंकि PCP में सभी स्टूडेंट्स की सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा जाता है।

PCP में मोबाइल पर पाबंदी है।

सिद्धार्थ और रोहित के पेरेंट्स ने बताया कि आजकल बच्चों की पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा सोशल मीडिया और मोबाइल है। हमें पता चला कि PCP में स्टूडेंट्स के मोबाइल रखने पर पाबंदी है तो हमनें बच्चों को PCP भेजा। उन्होंने बताया कि शुरआत में सिद्धार्थ और रोहित का बिना मोबाइल मन नहीं लगा लेकिन बाद में इन्हें आदत हो गई जिसके बाद इनकी तैयारी मजबूत और दोनों ने हमारा ही नहीं बल्कि पूरे मणिपुर का नाम रोशन किया है।

”PCP की दाल बहुत अच्छी है” : सिद्धार्थ

सिद्धार्थ ने बताया कि मणिपुर में नॉन वेज खाने का कल्चर है। लेकिन PCP में नॉन वेज पर मनाही है। शुरू में हमें बहुत दिक्कत हुई लेकिन यहां का माहौल और पढ़ाई देखकर हमनें यही खाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि यहां के खाना में हाइजीन का स्पेशल ध्यान रखा जाता है। यहां की दाल सबकी फेवरेट है जोकि बाद में हमें भी बहुत अच्छी लगनी लगी।

शुरू में सिर्फ NEET क्रैक करना लक्ष्य था।

सिद्धार्थ राजकुमार ने बताया कि शुरू मेरा लक्ष्य सिर्फ NEET क्रैक करना था। लेकिन PCP की स्टडी रूटीन ने अच्छा रैंक हासिल करने का जज्बा भर दिया। उन्होंने बताया कि हम सुबह 5 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक पढ़ाई करते थे। जिससे मन में अच्छा रैंक हासिल करने का कॉन्फिडेंस आया। सिद्धार्थ ने बताया कि हमारा स्टडी रूटीन इस प्रकार था।

  • सुबह 5 बजे उठना
  • ब्रेकफास्ट के बाद क्लास रूम में जाना।
  • 6 बजे से लेकर दोपहर के 1:20 तक क्लासेस।
  • लंच के बाद बजे से 7:30 बजे तक सेल्फ स्टडी।
  • डिनर के बाद रात के 8 बजे से लेकर 11 बजे तक सेल्फ स्टडी।

नारी सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल है मणिपुर की इमा मार्किट।

इंटरव्यू के दौरान मणिपुर के कल्चर पर भी बातचीत हुई लेकिन भाषा बाधा के चलते इंटरव्यू में थोड़ी दिक्कत हुई। दरअसल, मणिपुर भारत के लिए महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल साबित हो रहा है वजह है, वहां की इमा मार्किट। जिसका मतलब है ‘मां की मार्किट’। जिसमें सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही बिजनेस कर सकती हैं। इमा मार्किट की शुरुआत करीब 500 साल पहले हुई थी। जब मणिपुर में पुरुषों को युद्ध के मैदान में भेज दिया जाता था तो घर की महिलाएं खेती कर फसल बेचती थीं। जिसके बाद इस इमा मार्किट की शुरुआत हुई।

मणिपुर के पेरेंट्स को संदेश।

सिद्धार्थ राजकुमार और रोहित सिंह के पेरेंट्स ने अपने बच्चों की सफलता के बाद सभी मणिपुर के माता-पिता को संदेश दिया कि इस अनिश्चितता के बीच पढ़ाई ही एकमात्र ऑप्शन है जिसके जरिये हम मणिपुर के भविष्य को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि PCP में भाषा या स्थान के तौर पर कोई भेदभाव नहीं होता। आप भी अपने अपनों को यहां भेज कर इस अशांति के दौर में मणिपुर के भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।

Conclusion

मणिपुर के इन स्टूडेंट्स की सफलता ने साबित कर दिया है कि PCP न सिर्फ किसी राज्य या क्षेत्र में के स्टूडेंट्स के सपनों को पूरा कर रही है बल्कि देश के हर कोने से स्टूडेंट्स यहां आकर अपनी सफलता की इबारत लिख रहे हैं। सिद्धार्थ और रोहित ने मणिपुर के युवाओं को संदेश दिया कि अहिंसा, अराजकता को छोड़कर हमें मणिपुर के भविष्य को बचाना चाहिए। बता दें कि हर साल नार्थ ईस्ट से सैंकड़ों स्टूडेंट्स PCP में एडमिशन लेकर अच्छा रैंक हासिल कर रहे हैं। अगर आप भी NEET या JEE एस्पिरेन्ट हैं और PCP से जुड़ना चाहते हैं तो यह शानदार मौका है। अभी PCP में एडमिशन चल रहे हैं और 10th व 12th में परफॉर्मेंस के आधार पर आपको 100 फिसदी तक ट्यूशन फीस में डिस्काउंट मिल सकता है। अधिक जानकारी के लिए pcp.com पर विजीट करें।

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