NEET UG को लेकर राधाकृष्णन कमेटी की सिफारिशों को लागू करेगी केंद्र सरकार।

पिछले साल NEET UG 2024 के एग्जाम में पेपर लीक की घटना के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई राधाकृष्णन कमेटी की सिफारिशों को केंद्र सरकार लागू करेगी। गुरुवार, 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दायर अपने हलफनामे में कहा कि NTA की कार्यप्रणाली व पेपर लीक के जांच के लिए बनाई गई 7 सदस्यीय कमेटी की सिफारिशों को हम लागू करेंगे। इससे पहले 2 अगस्त को शीर्ष अदालत ने NEET UG 2024 के एग्जाम में धांधली को व्यापक स्तर पर न मानते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें नीट के एग्जाम को दुबारा आयोजित करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की कॉन्स्टिट्यूशनल बैंच को बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित की गई जांच कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है और केंद्र सरकार सभी सिफारिशों को लागू करेगी। मेहता ने कहा, हम सभी सुधारों और सिफारिशों को।लागू करने जा रहे हैं और इसे 6 महीने बाद लिस्टेड किया जा सकता है। इसपर बैंच ने कहा,मामले को तीन महीने के लिए स्थगित किया जाता है।” इसके बाद बैंच ने स्पेशल लिव पिटीशन को अप्रेल में लिस्टेड करने का आदेश दिया।

एग्जाम रिफॉर्म्स पर रिपोर्ट देने के लिए बढ़ाया गया था समय

NEET UG में पेपर लीक के बाद ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन के अगुवाई में केंद्र सरकार ने 7 सदस्यीय पैनल बनाया था। जिसका काम NEET UG के एग्जाम को ओर बेहतर और सुरक्षित बनाना है। बीते अक्टूबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने पैनल को एग्जाम रिफॉर्म्स पर अपनी रिपोर्ट दायर करने के दिये गए समय को बढ़ावा था। इस पैनल की जिम्मेदारियों में पॉलिसी और स्टेकहोल्डर्स से बातचीत, सहयोग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग, स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ मदद देने और NTA के कर्मचारियों के प्रशिक्षण और सिफारिशें लागू करना शामिल है।

लाखों NEET एस्पिरेन्ट्स को मिलेगी राहत

इसके अलावा पैनल का काम NTA की कार्यप्रणाली की समीक्षा करना और NEET UG के एग्जाम में ट्रांसपेरेंसी और गड़बड़ियों से मुक्त बनाने के लिए रिफॉर्म्स की सिफारिश करना था। केंद्र सरकार द्वारा रिफॉर्म्स को लागू करने के आश्वासन के बाद लाखों NEET एस्पिरेन्ट्स को राहत मिल सकती है क्योंकि मेडिकल की पढ़ाई के लिए NEET का एग्जाम अहम है ऐसे में पेपर लीक के बाद परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि डॉ. राधाकृष्णन कि अध्यक्षता वाले पैनल में AIIMS के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, बीजे राव, राममूर्ति के, पंकज बंसल, गोविंद जायसवाल और आदित्य मित्तल थे।

NEET UG को लेकर राधाकृष्णन कमेटी की मुख्य सिफारिशें

राधाकृष्णन कमेटी ने केंद्र सरकार को जारी अपनी रिपोर्ट में NEET UG की परीक्षा व NTA के कार्यप्रणाली को लेकर कुछ सुझाव दिए थे जोकि इस प्रकार हैं।

  • एग्जाम करवाने की पूरी प्रोसेस में सरकार का नियंत्रण बढ़ना चाहिए। सर्विस प्रोवाइडर से एग्जाम कंडक्ट करवाने की बजाय NTA को खुद के अपनेसेंटर डिवेलप करने चाहिए।
  • NTA को पेपर लीक को रोकने के लिए क्वेश्चन पेपर्स डिजिटल तरीके से सेंटर तक पहुंचाने चाहिए, जबकि कैंडिडेट्स ऑफलाइन मोड में ओएमआर सीट भरें।
  • NEET UG के एग्जाम में हर साल कैंडिडेट्स की संख्या बढ़ती जा रही है ऐसे में NTA को JEE की तरह NEET में एटेम्प्ट्स को लिमिट करना चाहिए और एग्जाम को मल्टी स्टेज में कंडक्ट करवाना चाहिए।

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