आईआईटी(इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) रुड़की ने उज्बेकिस्तान की समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ दो महत्वपूर्ण समझौते किये हैं। इन समझौतों में एक जॉइंट मास्टर डिग्री प्रोग्राम(जेएमडीपी) और वॉटर साइंस(Hydrology), एनवायरमेंट साइंस, सतत ऊर्जा(Sustainable Energy), एवं सस्टेनेबल एनर्जी, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स(एसडीजी) पर रिसर्च और सहयोग के लिए एक एमओयू(Memorandum of Understanding) शामिल हैं।
जॉइंट मास्टर डिग्री प्रोग्राम से आईआईटी रुड़की और समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी के बीच पानी की कमी, जलवायु परिवर्तन और एनवायरमेंट डिग्रेडेशन जैसे मुख्य ग्लोबल इश्यूज का समाधान करने में मदद करेगा। इसके साथ ही इस प्रोग्राम से स्टूडेंट्स को एडवांसड एक्सपर्टीज मिलेगी और IIT रुड़की की तकनीक को उज्बेकिस्तान में लागू करने का अवसर देगा।
इस बीच दोनों ही संस्थानों के फ़ैकल्टी मेंबर्स की मौजूदगी में समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी के रेक्टर प्रोफेसर खलमुर्दोव रुस्तम इब्रागिमोचिव और IIT रुड़की के डायरेक्टर प्रोफेसर कमल किशोर पंत ने समझौतों पर साइन किए। प्रोग्राम को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर पंत ने कहा कि यह सहयोग जल और पर्यावरण सबंधी मुद्दों के लिए स्थायी समाधान में योगदान होगा, एकेडमिक उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाएगा। इसी तरह प्रोफेसर इब्रागिमोचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि समझौते जलवायु चुनोतियों का समाधान करने और अभिनव अनुसंधान और शिक्षा के लिए मंच बनाने के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
What will be the benefits of these MOU?
समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ हुए इन समझौतों से दोनों ही देशों को फायदा होगा। समझौतों से पर्यावरण सरंक्षण और बदलते जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी। वहीं हाइड्रो साइंस में ही रही रिसर्च में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उज्बेकिस्तान के साथ भारत के मजबूत रिश्तों से मध्य एशिया में भारत का प्रभाव बढ़ेगा।