
एक वक़्त था जब महिलाओं को किसी भी प्रोफेशन में पुरुषों के मुकाबले कमतर आंका जाता था। लेकिन समय के साथ स्वतंत्रता और समानता जैसे विचारों ने महिलाओं के लिए हर फील्ड में दरवाजे खोले हैं। इन फील्ड्स में एक फील्ड डिफेंस का है। पहले वॉर या डिफेंस जैसे फील्ड में पुरुषों का दबदबा था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही है। वीरवार 29 मई को इतिहास में पहली बार देश की नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से महिला कैडेट्स के बैच ने ग्रेजुएशन डिग्री हासिल की।
शुक्रवार, 30 मई को नेशनल डिफेंस एकेडमी, पुणे के इतिहास में पहली बार पासिंग आउट परेड में महिला कैडेट्स नजर आईं। NDA के 148वें कोर्स के कॉन्वोकेशन प्रोग्राम में 339 कैडेट्स ने अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली है। जिसमें से 17 महिला कैडेट्स शामिल हैं। जोकि भविष्य में इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी। पासिंग आउट परेड पुणे के खड़कवासला स्थित NDA परिसर में हुई। परेड की सलामी पूर्व सेना जनरल वी के सिंह ने ली और उन्होंने ही कैडेट्स को प्रेसिडेंटस अवॉर्ड दिए।
श्रीति दक्ष ने रचा इतिहास।
वीरवार को हुए कॉन्वोकेशन प्रोग्राम में महिला कैडेट श्रीति दक्ष ने इतिहास में पहला नाम दर्ज कराया। श्रीति बीएसए (B.Sc) स्ट्रीम से सिल्वर मेडल और चीफ ऑफ एयर स्टाफ ट्रॉफी को हासिल करने वाली पहली महिला कैडेट बनी। कंप्यूटर साइंस ब्रांच से बटालियन कैडेट कैप्टन प्रिंस कुमार कुशवाहा ने चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ट्रॉफी जबकि B.Tech स्ट्रीम से कैप्टन उदयवीर सिंह नेगी ने टॉप किया।
नारी शक्ति को सलाम।
जनरल वी.के सिंह ने परेड को सम्बोधित करते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार इस परिसर से लड़कियों का बैच भी पास हो रहा है। ये नारी शक्ति को सलाम है। जनरल सिंह ने कहा कि ये लकड़ियों के लिए ट्रेनिंग का अंत नहीं बल्कि नई संभावनाओं की शुरुआत है।

सुप्रीम कोर्ट का इतिहासिक फैसला।
साल 2021 में देश की सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार महिलाओं को NDA में शामिल होने की अनुमति दी थी म फिर 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेट्स का बैच NDA म शामिल किया गया था। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मार्च 2025 को संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि 2022 में महिला कैडेट्स के पहले बैच की एंट्री के बाद अबतक कुल 125 महिला कैडेट्स को NDA में एडमिशन मिला है। उनमें से 121 अभी ट्रेनिंग ले रही हैं जबकि पांच कैडेट्स ने इस्तीफा दे दिया था।
अभी भी प्रतिनिधित्व बहुत कम।
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना में करीब 12 लाख पुरूष हैं जबकि महिलाओं की संख्या करीब 7 हजार ही है। जिससे साबित होता है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का रेश्यो अभी भी सिर्फ 0.56 फीसदी है। एयर फोर्स की बात करें तो 1.5 लाख पुरूष हैं जबकि महिलाओं की संख्या मात्र 1600 ही है। यहां भी अरेश्यो 1 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। वहीं इंडियन नेवी में पुरूषों की संख्या 10 हजार है जबकि महिलाएं 700 ही है। इस फोर्स में भी महिलाओं का प्रतिशत 6.5 फीसदी है।
पहले शॉर्ट कमीशन के तहत भर्ती किया जाता था।
बता दें कि सेना में महिला ऑफिसर की शुरआत साल 1992-93 में अंजना भदौरिया व प्रिया झिंगन को कमीशन देने के साथ हुई थी। इससे पहले महिलाओं को शार्ट कमीशन के तहत ही सिलेक्टेड विंग और ब्रांच में काम कर सकती थीं। शार्ट कमीशन होने के चलते वे सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक ही पहुंच पाती थीं। साल 2017 में महिलाओं को जवान रैंक पर भर्ती करने का फैसला लिया गया था। केंद्र सरकार साल 2030 तक 1700 महिला सैनिकों को कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। इससे धीरे धीरे उन्हें सेना का अहम हिस्सा बनाने की योजना है।