NEET UG 2024 पेपर लीक मामले में राधाकृष्ण कमेटी ने बड़े बदलावों की सिफारिश की।

हाल ही में NEET UG 2024 एग्जाम के लीक होने के बाद ISRO(Indian Space Research Organization) के चीफ रहे डॉ. के. राधाकृष्ण की अगुवाई में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। जिसमें कमेटी ने कई चरणों में एग्जाम करवाने, ऑनलाइन एग्जाम और हाइब्रिड मॉडल जैसे कुछ बड़े बदलावों की सिफारिश की है।

कमेटी में डॉ. के. राधाकृष्ण के अलावा रणदीप गुलेरिया(पूर्व डायरेक्टर AIIMS), बीजे राव(पूर्व वीसी हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी), राममूर्ति के(पूर्व प्रोफेसर, IIT मद्रास), पंकज बंसल(मेंबर कर्मयोगी भारत बोर्ड), आदित्य बंसल(प्रोफेसर IIT दिल्ली)गोविंद जायसवाल(जॉइंट सेक्रटरी शिक्षा मंत्रालय) समेत कुल 6 सदस्य शामिल थे।

दरअसल, इस साल जून में हुए NEET UG 2024 का पेपर लीक हुआ था, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 22 जून 2024 को इसरो के पूर्व चीफ के राधाकृष्ण की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। जिसको NTA द्वारा कराये जाने वाले एग्जाम में सुधार व NTA(National Testing Agency) के कामकाज की समीक्षा कर रिपोर्ट जमा करवानी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब इस कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें NEET एग्जाम को लेकर कई बड़े बदलावों की सिफारिश की गई है।

Big Changes suggested by Dr. K radhakrishna Committee in NEET UG 2024

कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में NEET ही नहीं बल्कि NTA द्वारा कराए जाने वाले दूसरे महत्वपूर्ण एग्जाम को लेकर भी सुझाव दिए हैं। वहीं कुछ सुखाव NTA के एग्जाम करवाने के ऑवरऑल मैकेनिज्म को लेकर भी हैं।  

Government Control Over exam Administration: कमेटी ने सुझाव दिया है कि एग्जाम करवाने की पूरी प्रक्रिया में गवर्नमेंट कंट्रोल बढ़ाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि सर्विज प्रोवाइडर से एग्जाम कंडक्ट करवाने की बजाय NTA को अपने खुद के एग्जाम सेंटर्स डेवेलोप करने चाहिए। इसके लिए NTA को परमानेंट कर्मचारियों की तादाद को बढ़ाना होगा क्योंकि अभी तक NTA में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर बहुत कर्मचारी हैं।  

Enhanced Data Security: पेपर लीक को रोकने के लिए कमेटी ने सुझाव दिया है कि एग्जाम से पहले क्वेश्चन पेपर डिजिटल तरीके से सेंटर तक पहुंचे, जबकि कैंडिडेट्स ऑफ़लाइन मोड में ओएमआर सीट भरें। इसके पीछे कमेटी ने तर्क दिया कि डिजिटल मोड में क्वेश्चन पेपर ट्रांसफर होने से पेपर कम लोगों से होकर गुजरेगा। इसके अलावा डिजिटल ट्रांसफर से स्ट्रांग रूम व क्वेश्चन पेपर के लिए कड़ी सुरक्षा के गैरजरूरी खर्चों से भी बचा जा सकता है।

Multi Stage Examination: रिपोर्ट में कहा गया है कि NEET UG के एग्जाम में कैंडिडेट्स की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, ऐसे में NTA को JEE की तरह NEET एग्जाम को मल्टी स्टेज में आयोजित करवाना चाहिए। बता दें कि इस साल NEET UG 2024 के लिए करीब 20 लाख कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था।

Limit the CUET Choice Subject: वहीं NTA द्वारा देश की टॉप यूनिवर्सिटी व सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले CUET यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में सब्जेक्ट्स कम करने की सलाह दी है। कमेटी का कहना है कि CUET में मेरिट लिस्ट के लिए जनरल एप्टीट्यूड व कुछ विषय की कुछ जानकारी का आंकलन करना चाहिए। टेस्ट में कई सब्जेक्ट्स होने के कारण क्वेश्चन पेपर के कई सेट बनते हैं, जिससे ज्यादा लोग एग्जाम में शामिल होते हैं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि परीक्षा की गोपनीयता बनाये रखने के लिए इन चीजों को जितना हो सके, कम करना चाहिए। दरअसल CUET में फिलहाल 50 सब्जेक्ट्स की चॉइस रहती है जिनमें से 6 सब्जेक्ट्स सेलेक्ट करने होते हैं।

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