राजस्थान सरकार ने राज्य के स्कूल सिलेबस में बदलाव करने के संकेत दिए हैं। इसके लिए राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सिलेबस की समीक्षा करने के लिए एक स्पेशल कमेटी का गठन किया है। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने स्कूल सिलेबस में पढ़ाए जा रहे कुछ अवांछनीय या गैर जरूरी टॉपिक्स व हिस्सों को हटाये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि सिलेबस को समय के अनुसार और राष्ट्रीय भावना से मेल खाना जरूरी है।
शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद, राजस्थान के स्कूल डिपार्टमेंट इस दिशा में कदम उठाते हुए सिलेबस की समीक्षा करने की प्रोसेस शुरू कर चुका है। डिपार्टमेंट ने एक कमेटी बनाई है, जो पूरे स्कूल एजुकेशन सिलेबस का मूल्यांकन करेगी और उसे सुधारने के लिए सरकार को 1 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
वहीं बात करें कि कमेटी का मेंबर किसे बनाया गया है तो एजुकेशन डिपार्टमेंट, राजस्थान सरकार ने कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा, प्रोफेसर कैलाश सोडाणी को बनाया गया, जबकि कमेटी का उपाध्यक्ष शिक्षाविद हनुमान सिंह राठौड़ को बनाया गया है म कमेटी में शिक्षाविद डी रामकृष्ण राव को NCERT(National Council of Education Research and Training),दिल्ली सलाहकार सदस्य बनाया गया है। मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी सतीश गुप्ता काम करेंगे।
कमेटी में पूर्व कोटा यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व मेंबर प्रोफेसर परमेंद्र कुमार दशोरा, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर भारत राम कुमार, रिटायर्ड शिक्षाविद श्याम कुमार बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल, विशेषज्ञ के तौर पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी कन्हैया लाल बेरीवाल को बनाया गया है।
बता दें कि बीती 14 नवंबर, 2024 को शिक्षा मंत्री के विशेषधिकारी सतीश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में डॉ जगदीश नारायण विजय और डॉ सुरेंद्र गोधरा के हाई लेवल रिप्रेजेंटेटिव ने दिल्ली का दौरा कर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(NCERT) दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी व सेक्रेटरी अमन शर्मा से मुलाकात कर सिलेबस समीक्षा के नियम और कानूनी प्रावधानों को लेकर डिटेल्स में बातचीत की थी।
इस कमेटी का गठन एलिमेंट्री एजुकेशन(प्लानिंग) डिपार्टमेंट, राजस्थान सरकार के आदेश के बाद किया गया है, जोकि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी(NEP 2020) के प्रावधानों व राज्य पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क व नेशनल करिकुलम के फ्रेमवर्क के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण स्कूल सिलेबस का विषयवस्तु(Content), फोटोग्राफ, ड्राइंग, सामग्री संकलन(Material Compilation), व्यख्या का अध्ययन कर 30 दिन में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर को सौंपेगी।