NEET-NET जैसे एग्जाम में केंद्र सरकार कर सकती है बड़े बदलाव।

NEET UG 2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई के. राधाकृष्ण  कमेटी ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट जमा करवाई है। जिसमें केंद्र सरकार को NTA के मैकेनिज्म से लेकर सरकार का मुख्य परीक्षाओं में दखल बढ़ाने की सिफारिशें की गई थीं। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस रिपोर्ट पर बड़ा फैसला लेने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कमेटी की रिपोर्ट के बाद नेशनल एंट्रेंस एग्जाम में गड़बड़ियों को कम करने के उद्देश्य से आगामी सुधारों की घोषणा की है, जो जनवरी से लागू होने वाले हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने मंगलवार, 13 नवंबर को बयान दिया कि केन्द्र सरकार देश में हो रहे बड़े एंट्रेंस एग्जाम जैसे NEET/NET एग्जाम में जनवरी से सुधार लागू करनेज रही है। उन्होंने इसमें सभी स्टेट गवर्नमेंट्स से अपना समर्थन देने की भी अपील की है। प्रधान ने कहा,” राधाकृष्ण पैनल ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) में सुधारों की रिपोर्ट तैयार की है। मैंने सभी राज्य सरकारों के एजुकेशन सेक्रेटरी से अपील की है कि जनवरी से इसमें सुधार लागू किये जाए। साल 2024 में पेपर लीक के मामलों को देखते हुए, सरकार ने ये सुधार पेश किए हैं।”

एक टीम के रूप में काम करेंगे।

दरअसल, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सेक्रेटरी के साथ हाईटेक एजुकेशन पर दो दिन के नेशनल वर्कशॉप के उद्धाटन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। इस प्रोग्राम में शिक्षा एवं उत्तर प्रदेश क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार भी मौजूद थे। उच्च शिक्षा विभाग के सेक्रेटरी के. संजय मूर्ति समेत सभी राज्यों व केंद्रों के एजुकेशन सेक्रेटरी मौजूद थे। वर्कशॉप में के. राधाकृष्ण कमेटी ने अपना रिपोर्ट व प्रपोजल राज्यों के एजुकेशनल सेक्रेटरीज के सामने रखा। जिसमें एग्जाम को एरर फ्री बनना सबसे बड़ा टास्क था और एक टीम के रूप में काम करना शामिल था। 

हाइब्रिड मॉडल को अपनाना होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा,”स्टूडेंट्स के एग्जाम को कम करने और सही ढंग से मैपिंग करने के लिए ऑनलाइन टेस्ट, डिजिटल क्वेश्चन पेपर सर्कुलेट करने के साथ ही एक हाइब्रिड मॉडल और एक मल्टी स्टेप्स NEET-UG फार्मेट बनाया जाएगा।  कमेटी का गठन NEET UG पेपर के लीक होने के बाद किया था। कमेटी को कई परीक्षाओं के लिए क्वेश्चन पेपर की सेटिंग व बाकी प्रोसेस से जुड़े मौजूदा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

कमेटी में डॉ. के. राधाकृष्ण के अलावा रणदीप गुलेरिया(पूर्व डायरेक्टर AIIMS), बीजे राव(पूर्व वीसी हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी), राममूर्ति के(पूर्व प्रोफेसर, IIT मद्रास), पंकज बंसल( पीपल स्तरोंमेंबर कर्मयोगी भारत बोर्ड), आदित्य बंसल(प्रोफेसर IIT दिल्ली)गोविंद जायसवाल(जॉइंट सेक्रटरी शिक्षा मंत्रालय) समेत कुल 6 सदस्य शामिल हैं।

के. राधाकृष्ण की मुख्य सिफारिशें।

राधाकृष्ण कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में NTA द्वारा कराए जाने वाले दूसरे महत्वपूर्ण एग्जाम को लेकर सुझाव दिए थे। इसके अलावा कमेटी ने NTA के एग्जाम करवाने के ऑवरऑल मैकेनिज्म को बदलने के सुझाव पेश किए थे। जिनपर केंद्र सरकार अमल करने जा रही है।

Government Control Over exam Administration

कमेटी ने सुझाव दिया है कि एग्जाम करवाने की पूरी प्रक्रिया में गवर्नमेंट कंट्रोल बढ़ाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि सर्विज प्रोवाइडर से एग्जाम कंडक्ट करवाने की बजाय NTA को अपने खुद के एग्जाम सेंटर्स डेवेलोप करने चाहिए। 

Enhanced Data Security

पेपर लीक को रोकने के लिए कमेटी ने सुझाव दिया है कि NTA को NEET के एग्जाम से पहले क्वेश्चन पेपर डिजिटल तरीके से सेंटर तक पहुंचाने चाहिए, जबकि कैंडिडेट्स ऑफ़लाइन मोड में ओएमआर सीट भरें। इसके पीछे कमेटी ने तर्क दिया कि डिजिटल मोड में क्वेश्चन पेपर ट्रांसफर होने से पेपर कम लोगों से होकर गुजरेगा।

limit in Attempt of NEET-UG

रिपोर्ट में कहा गया है कि NEET UG के एग्जाम में कैंडिडेट्स की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, ऐसे में NTA को JEE की तरह NEET में एटेम्प्ट्स में लिमिट सुनिश्चित करने व एग्जाम को मल्टी स्टेज में आयोजित करवाना चाहिए।

Limit the CUET Choice Subject

वहीं NTA द्वारा देश की टॉप यूनिवर्सिटी व सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले CUET यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में सब्जेक्ट्स कम करने की सलाह दी है। कमेटी का कहना है कि CUET में मेरिट लिस्ट के लिए जनरल एप्टीट्यूड व कुछ विषय की कुछ जानकारी का आंकलन करना चाहिए। टेस्ट में कई सब्जेक्ट्स होने के कारण क्वेश्चन पेपर के कई सेट बनते हैं, जिससे ज्यादा लोग एग्जाम में शामिल होते हैं।

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