JEE Main के बाद IITs व NITs जैसे इंस्टिट्यूट्स में एडमिशन के लिए होने वाले एग्जाम JEE(Joint Entrance Exam) Advanced 2025 में उन कैंडिडेट्स को इस बार मौका नहीं मिलेगा जिन्होंने पहले किसी आईआईटी में सीट अलॉट होने के बाद कोर्स स्टार्ट नहीं किया है। यह निर्णय इस साल की JEE Main और Advanced आयोजित करवाने वाले आईआईटी कानपुर ने लिया है। यह निर्णय आईआईटी की सीटों का सही उपयोग सुनिश्चित करने और कैंडिडेट्स को जिम्मेदारी का संदेश देने के उद्देश्य से लिया गया है।
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया जिन कैंडिडेट्स ने किसी आईआईटी में सेशन 2024 में प्रिपरेटरी कोर्स जॉइन नहीं किया है उन्हें JEE Advnaved में एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर इस बार JEE Advanced के विभिन्न सब्जेक्ट्स के ओलमंपियाड में रैंक पाने वाले स्टूडेंट्स को भी एडमिशन का मौका दिया जाएगा।
सभी कैंडिडेट्स के लिए 5 क्वालिफिकेशन तय की गई हैं।
प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि JEE Mains व Advanced परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए 5 क्वालिफिकेशन तय की गई हैं। जिसके तहत कैंडिडेट का जन्म अक्टूबर 2000 से पहले का नहीं होना चाहिए। एससी/एसटी वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई है। इस बार कैंडिडेट्स के लिए JEE Advsnced में शामिल होने के तीन मौके दिए जाएंगे। 2022 से पहले इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स इस बार एप्लिकेशन फॉर्म नहीं भर सकेंगे। इस बार JEE Advanced परीक्षा में JEE Main में शामिल सिर्फ 2.30 कैंडिडेट ही शामिल हो सकेंगे।
सभी वर्ग के लिए अलग मेरिट लिस्ट सूची जारी होगी।
बता दें कि इस बार आरक्षण नियमों के अनुसार सभी वर्ग के लिए अलग अलग मेरिट सूची जारी की जाएगी। देश के तीन आईआईटी में इस बार साइंस मैथ और केमिस्ट्री ओलमंपियाड के मेधावियों को भी एडमिशन का मौका दिया जाएगा, जिसमें आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी गांधीनगर और आईआईटी कानपुर शामिल हैं। हालांकि आईआईटी में पहले सीट अलॉट करा चुके कैंडिडेट्स को JEE Mains परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा या नहीं, इस बार एडमिशन क्वालिफिकेशन नोटिस में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
ऑनलाइन एग्जाम 7 साल पहले शुरू हुआ था।
आईआईटी कानपुर ने ही सात साल पहले JEE Advanced की परीक्षा में सबसे पहले ऑनलाइन एग्जाम मोड को शामिल किया गया था। तब भी एडमिशन में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए गए थे। उस वक्त नकल माफिया के चंगुल से परीक्षा को बचाना बड़ा मकसद था। तब आईआईटी कानपुर के साइंटिस्ट ने ऑनलाइन परीक्षा का फार्मूला तैयार किया और सफलतापूर्वक परीक्षा कराई। इसके बाद से ही ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा पूरे देश में होने लगी है।