दिल्ली को छोड़कर Prince Defence Academy में ली कोचिंग, बना NDA ऑफिसर।

अक्सर कहा जाता है कि NDA व SSB में उन्हीं कैंडिडेट्स को रेकमेंडेड किया जाता है जो फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हों और इंग्लिश मीडियम बैकग्राउंड से पढ़ें हों। लेकिन कई बार कहावतें महज कहानियां बनकर रह जाती हैं क्योंकि इंसान की लगन, मेहनत और सही मार्गदर्शन नामुमकिन को आसान बना देता है। इसी का उदाहरण है Prince Defence Academy का एक कैंडिडेट, जोकि किसान परिवार से आता है, गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ा और आज भारतीय सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने जा रहा है।

जी हां, ये कहानी है Prince Defence Academy के स्टूडेंट दिलखुश गुर्जर की। जिसने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए NDA 153 में ग्रामीण व हिंदी मीडिया परिवेश से होते हुए NDA व SSB जैसी परीक्षाओं को पास किया है। दिलखुश ने अपने पहले ही अटेंप्ट में NDA SSB क्लियर किया है। एक इंटरव्यू ने अपनी कहानी को बताया कि कैसे उसने तमाम बाधा को पार करते हुए सेना में ऑफिसर बनने के अपने सपने को पूरा किया। प्रिंस एजुहब के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में दिलखुश ने गांव से लेकर सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के अपने सफर को साझा किया है।

दिल्ली की कोचिंग को देखकर कहा, “प्रिंस वाली बात नहीं।”

दिलखुश ने बताया कि स्कूलिंग के बाद जब उन्होंने सेना में ऑफिसर बनने की ठानी थी तो उन्हें दिल्ली या देहरादून से कोचिंग लेनी थी। इससे पहले उन्होंने Prince Defence Academy को विजिट किया था लेकिन मन में था कि दिल्ली ही कोचिंग लेनी है, फिर दिल्ली गए भी। लेकिन जब दिल्ली की भीड़भाड़ व प्रदूषित माहौल को देखा तो उन्होंने अपने भाई से कहा, “यहां प्रिंस वाली बात नहीं है।” उन्होंने बताया कि प्रिंस डिफेंस एकेडमी में कैंपस शांत व खुले वातावरण में बना है, ऐसे में तैयारी अच्छे से होती है और यहां रहने व खाने की सुविधा भी बेहतर है, इसलिए उन्होंने प्रिंस डिफेंस एकेडमी में तैयारी करने का फैसला लिया।

प्रिंस डिफेंस एकेडमी में फ्रेंडली माहौल।

हिंदी मीडियम बैकग्राउंड से आने वाले कैंडिडेट्स को लेकर दिलखुश से बताया कि प्रिंस डिफेंस एकेमडी में एक फ्रेंडली माहौल है। हिंदी मीडियम वाले कैंडिडेट्स के होस्टल अलग हैं ताकि कैंडिडेट्स का मनोबल कमजोर न हो। इसके अलावा उन्होंने बताया कि NDA UPSC की लिखित परीक्षा की तैयारी के साथ साथ इंग्लिश स्पोकन की क्लासें भी चलती रहती हैं ताकि SSB इंटरव्यू तक कैंडिडेट्स इंग्लिश लैंग्वेज को लेकर थोड़े सहज हो जाएं।

रिटायर्ड सेना के ऑफिसर्स करवाते हैं तैयारी।

भावी फ़्लाइंग ऑफिसर दिलखुश ने बताया कि NDA UPSC की लिखित परीक्षा के बाद SSB के 5 दिन के इंटरव्यू की तैयारी सबसे अहम होती है। उन्होंने बताया कि प्रिंस डिफेंस एकेडमी में उन्हें SSB की तैयारी सेना व SSB बोर्ड के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा करवाई गई। जिसके चलते वे SSB के अपने इंटरव्यू से पहले मानसिक व शारारिक तौर से तैयार हो चुके थे। दिलखुश ने कहा कि SSB इंटरव्यू में जो उन्हें टास्क दिए गए थे, उनके लिए वे पहले से ही तैयार थे, क्योंकि एकेडमी में उन टास्क की उन्होंने काफी बार प्रैक्टिस पहले ही कर ली थी।

प्रिंस का रूटीन आपको ऑफीसर बना देता है।

इंटरव्यू में दिलखुश ने बताया कि सेना की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन होता है और प्रिंस डिफेंस एकेडमी का रूटीन और अनुशासन इसे बाकी कोचिंग संस्थानों से अलग बनाता है। दिलखुश ने कहा कि हमें सुबह 5 बजे उठा दिया जाता था, उसके बाद प्रैक्टिस करके सुबह का नाश्ता दिया जाता। ब्रेकफास्ट के बाद ग्रुप डिस्कशन की क्लास, इंग्लिश स्पोकन क्लास, SRT(Situation Reaction Test), WAT(Word Association Test), TAT(Thematic Apperception Test), GTO(Group Testing Officers Test), डिक्लेमेशन की क्लासें दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि समय समय पर मोटिवेशनल सेमिनार से लगातार कैंडीडेट्स को मोटिवेट किया जाता है।

परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं।

दिलखुश ने आगे बताया कि उनके परिवार में कोई सरकार नौकरी में नहीं है, पिता 5 क्लास पढ़ें और माता गृहणी हैं। ऐसे में उनके लिए शुरुआत में काफी मुश्किल हुई। हिंदी मीडियम बैकग्राउंड का होने की वजह से मन में डर था कहीं जो लोग कह रहें हैं वही सच न हो। लेकिन उन्होंने बताया कि दृढ़ निश्चय और प्रिंस एकेडमी का माहौल, प्रिंस डिफेंस एकेडमी के टीचर्स व मैनेजमेंट की हौसलाअफजाई से उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है। उन्होंने बताया कि इंग्लिश स्पोकन क्लासें और उनकी प्रैक्टिस से उन्होंने इंग्लिश पर अच्छी पकड़ बनाई, जिससे SSB इंटरव्यू में उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई।

Be Natural and Express yourself more

हिंदी मीडियम से अभी तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को आप क्या सलाह देंगे?, के जवाब में दिलखुश ने बताया कि इंग्लिश स्पोकन पर शुरू से ही ध्यान दें, ऑफिसर्स की तरह सोचें। इसके अलावा उन्होंने जो महत्वपूर्ण बातें बताई वे इस प्रकार हैं।

  • SSB इंटरव्यू के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें।
  • अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें।
  • NDA की तैयारी की शुरुआत से ही ऑफिसर्स की तरह सोचें यानी डिशिजन लेते समय कंफ्यूज़ न रहें, मेडीटेशन करें और प्रिजेंस ऑफ माइंड स्ट्रॉन्ग करें।
  • SSB इंटरव्यू में नेचुरल रहने की कोशिश करें, जितना पूछा जाए उतना ही जवाब दें।
  • आर्मी, नेवी व एयरफोर्स के बारे में बेसिक से लेकर डीप नॉलेज रखें।
  • खुद को और आप पास के माहौल को एक्सपेर्स करना सीखें।

Conclusion

दिलखुश प्रिंस एजुहब से इस साल NDA SSB पास हुए 17 कैंडिडेट्स में से एक है और वे एकेडमी के हिंदी मीडियम से पास हुए 3 कैंडिडेट्स में से एक हैं। उनका यहां तक का सफर उन तमाम भावी कैंडिडेट्स के लिए प्रेरणादायक हो सकता है जिन्हें लगता है कि सेना में ऑफिसर्स बनने के लिए सिर्फ अच्छी इंग्लिश बोलने वाले या अच्छे इंग्लिश मीडियम स्कूलों से स्टडी करना जरूरी है। दिलखुश के भाई गणेश ने भी PCP Sikar से JEE की कोंचिंग ली थी और वो अब IIT रुड़की में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। अगर आप भी सेना में ऑफिसर बनने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं तो Prince NDA की ऑफिशियल वेबसाइट https://princendaacademy.com/ पर विजिट करें।

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