Prince EduHub: क्लास 6th से ही सेना में ऑफिसर बनने की तैयारी।  

क्लास 10+2 पास करने के बाद NDA, TES या अन्य सेना के बड़े एग्जामों की तैयारी करने वाले एस्पिरेन्ट्स को सबसे कॉमन प्रॉब्लम ये आती है कि जब तक उन्हें ये एहसास होता है कि उन्हें NDA या TES पास कर सेना में ऑफिसर बनना है, तब तक वो ओवरएज हो चुके होते हैं या उनके पास समय कम होता है। क्योंकि NDA या TES एग्जाम के जरिये सेना में ऑफिसर लेवल पर एंट्री के लिए अधिकतम उम्र सीमा 19.5 साल है। इसके अलावा ऑफिसर लेवल की फिजिकल व मेंटली फिटनेस भी जरूरी होती है। ऐसे में कई एस्पिरेन्ट्स सही मार्गदर्शन के बिना अपने सपनों को पूरा करने से वंचित हो जाते हैं। सही समय और सही तरीके से एस्पिरेन्ट्स को गाइड करने से ही एस्पिरेन्ट्स अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

इस कॉम्पेटिशन के जमाने में एस्पिरेन्ट्स को शुरू से ही सेना में ऑफिसर बनाने की ट्रेनिंग और गाइडेंस बहुत जरूरी है। जिसे अपनाते हुए राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रिंस सैनिक स्कूल क्लास 6th से ही स्टूडेंट्स को सेना में ऑफिसर बनने के लिए तैयार कर रहा है। जहां स्टूडेंट्स को क्लास 6th से फिजिकल और साइक्लोजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। आइये हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे प्रिंस सैनिक स्कूल, NDA एकेडमी, डिफेंस स्कूल में स्टूडेंट्स को भावी ऑफिसर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

Know About Prince Sainik School

राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त 37 बीघा जमीन में बना प्रिंस सैनिक स्कूल क्लास 6th से लेकर 10th तक है। जहां पढ़ाई के साथ साथ स्टूडेंट्स को क्लास 6th से ही NDA, SSB के लिए फिजिकली और मेंटली तैयार कर दिया जाता है ताकि क्लास 12th के बाद उन्हें साइक्लोजिल और फिजिकल ज्यादा मेहनत न करनी पड़े। सेना से रिटायर्ड डिफेंस ऑफिसर व देश की टॉप फ़ैकल्टी उन्हें सेना के लिए तैयार कर रहे हैं। 

Campus of Sainik School.

स्कूल में शुरू से ही UPSC NDA की लिखित परीक्षा के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस दी जाती हैं। सुबह 5 बजे से स्टूडेंट्स का दिन शुरू होता है जिसके बाद उन्हें ग्राउंड में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। ट्रेनिंग व नाश्ते के बाद स्टूडेंट्स की सुबह 8:30 बजे से लेकर 2:30 बजे तक क्लास चलती हैं। क्लास के बाद डाउट सेशन चलता है। शाम को ट्रेनिंग के बाद फिर से सभी स्टूडेंट्स को ग्राउंड में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है।

Fee Structure of Prince Sainik School 

स्कूल में स्टूडेंट्स को शुरू से ही इंडिविजुअल टास्क, ग्रुप टास्क, स्क्रीनिंग टेस्ट, फिजिकल टेस्ट के लिए तैयार किया जाता है। स्टडी के साथ साथ डिबेट, ग्रुप डिस्कशन, पीपीडिटी, डब्ल्यूएटी, एसआरटी, सेल्फ डिस्क्रिप्शन, लेक्चररेटस, स्पीच कॉम्पेटिशन, फ़्री स्पीच जैसी अन्य एक्टिविटी के जरिये स्टूडेंट्स को SSB इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है। इसके अलावा ग्रुप टास्क की क्लासेस में लीडरशिप स्किल्स व लीडरशिप क़्वालिटी को बढ़ाया जाता है। ये सभी एक्टिविटी डिफेंस से रिटायर्ड कर्नल व ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में की जाती हैं।

Prince NDA Academy

क्लास 10th के बाद स्टूडेंट्स प्रिंस एनडीए एकेडमी में NDA के फाउंडेशन कोर्स व क्लास 12th के बाद NDA और SSB की तैयारी करते हैं। इसमें सैनिक स्कूल के बाद आये स्टूडेंट्स को NDA के कैंडिडेट्स के रूप में तैयार किया जाता है। नेशनल लेवल के ट्रेनर, सेना से रिटायर्ड अधिकारी इन कैंडिडेट्स की NDA के लिए तैयारी करवाते हैं। प्रिंस सैनिक स्कूल के विशाल कैंपस में ही NDA एकेडमी चल रही है। जहां एकेडमिक और SSB इंटरव्यू की तैयारी को एडवांस लेवल पर करवाया जाता है। 

Fee Structure of Prince NDA Academy

NDA एकेडमी में प्रैक्टिकल तौर पर इंडिविजुअल टास्क, ग्रुप टास्क, SRT, ग्रुप डिस्कशन, स्पोकन एबिलिटी, साइक्लोजिकल टेस्ट के जरिये कैंडिडेट्स को मानसिक रूप से मजबूत किया जाता है। इसके साथ ही एकेडमिक स्तर पर रेगुलर क्लास, मॉक टेस्ट लिए जाते हैं। एकेडमी में स्पोर्ट्स ग्राउंड, ऑडिटोरियम, डिजिटल लाइब्रेरी, साइंस लैबोरेटरी, डिजिटल क्लासरूम व एयर कंडिशन्ड बिल्डिंग है। प्रिंस एनडीए एकेडमी में कैंडिडेट्स की रेगुलर कॉउंसलिंग भी की जाती है जिससे उनके मानसिक दबाव को कम किया जा सके और समय समय पर सेना के बड़े अधिकारियों द्वारा मोटिवेशन सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं। बता दें कि NDA-1 में प्रिंस एनडीए एकेडमी से 135 व NDA-2 से रिकॉर्ड 189 कैंडिडेट्स ने UPSC NDA की लिखित परीक्षा पास की है और वे SSB इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई हुए हैं।

Conclusion 

प्रिंस सैनिक स्कूल, प्रिंस NDA एकेडमी में 6th क्लास से लेकर ग्रेजुएशन तक आप सेना में ऑफिसर बनने की तैयारी कर सकते हैं। बेहतरीन शिक्षा के साथ साथ फिजिकल फिटनेस, डिसिप्लिन, साइक्लोजिल स्ट्रेंथ के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है। छोटी उम्र से ही सेना की तैयारी से स्टूडेंट्स के जीवन में डिसिप्लिन, कॉन्फिडेंस और फिजिकल फिटनेस आती है उनके मानसिक डेवलपमेंट के साथ साथ फिजिकल डेवलपमेंट भी होता है। 16-17 साल की उम्र में सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर भर्ती होने से उनके सेना के सर्वोच्च पद पर जाने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर आप भी सेना में जाकर देशसेवा की इच्छा रखते हैं तो प्रिंस एजुहब की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.princeeduhub.com/  पर विजिट कर सकते हैं।

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