अबू धाबी में खुला IIT Delhi का कैंपस।

IIT दिल्ली ने सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) की राजधानी अबू धाबी में अपना पहला इंटरनेशनल कैंपस खोला है। बीते सोमवार को UAE के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन ज़ायेद ने इसका उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने कैंपस के पहले बैच का स्वागत भी किया। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग व एनर्जी इंजीनियरिंग के पहले बैच में 52 स्टूडेंट्स हैं। 

आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस में JEE एडवांस व CAET(Combined Admission Entrance Test) के जरिये एडमिशन होगा। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग व एनर्जी इंजीनियरिंग के पहले बैच में 52 स्टूडेंट्स हैं, जिसमें भारत, यूएई व अन्य देशों के स्टूडेंट्स शामिल हैं।

आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस, UAE की ख़लीफ़ा यूनिवर्सिटी, Sorbonne यूनिवर्सिटी और मोहम्मद बिन ज़ायेद यूनिवर्सिटी के बीच रिसर्च व अकेडमी प्रोग्राम में रणनीतिक साझेदारी होगी।

IIT-Delhi Abu Dhabi- Khalifa University: अबू धाबी में स्थित ख़लीफ़ा यूनिवर्सिटी के साथ आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस जॉइंट रीसर्च व अकादमिक प्रोग्राम साझा करेगा। इसके साथ ही रिसर्च फैसिलिटीज और स्टूडेंट्स व फ़ैकल्टी को भी एक्सचेंज करेगा।

IIT-Delhi Abu Dhabi-Sorbonne University: आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस अबू धाबी की सोरबोन यूनिवर्सिटी के साथ रिसर्च प्रोजेक्ट्स व सेमिनार और साइंटिफिक मीटिंग मिलकर करेगा।

IIT-Delhi Abu Dhabi- Mohamed bin Zayed University: आईआईटी दिल्ली अबू धाबी कैंपस अबू धाबी की मोहम्मद बिन ज़ायेद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फ़ैकल्टी व स्टूडेंट्स एक्सचेंज करने के साथ साथ छोटे प्रोजेक्ट में साझा फंडिंग, कॉलेब्रेटीवे टीचिंग, छोटे ट्रेनिंग प्रोग्राम व इंटर्नशिप भी मिलकर करेगा। जिससे UAE का हायर एजुकेशन में ग्लोबल लीडर बनने का सपना पूरा हो सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल अबू धाबी के दौरे पर मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ऑफ इंडिया, IIT(Indian Institute of Technology) दिल्ली और अबू धाबी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन एंड नॉलिज के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद की उपस्थिति में त्रिपक्षीय MOU(Memorandum of Understanding) साइन हुआ था। जिसमें अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली के कैंपस की स्थापना को लेकर करार हुआ था।

आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस की स्थापना भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्विक स्तर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कैंपस न केवल भारतीयों छात्रों के लिए नए अवसर का द्वार खोलेगा, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिक्षा की प्रसार करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी देखा जा रहा है। यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने में मदद करेगा।

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